स्मार्ट हाइब्रिड टेक्नोलॉजी मारुति सुजुकी की एक माइल्ड-हाइब्रिड सिस्टम है, जिसे ईंधन की बचत और परफॉर्मेंस सुधारने के लिए डिजाइन किया गया है। यह टेक्नोलॉजी पारंपरिक इंजन के साथ एक इंटीग्रेटेड स्टार्टर जनरेटर (ISG) और लिथियम-आयन बैटरी का इस्तेमाल करती है। कैसे काम करती है स्मार्ट हाइब्रिड टेक्नोलॉजी? 1. इंजन स्टार्ट-स्टॉप फ़ीचर – जब गाड़ी ट्रैफिक में रुकती है, तो इंजन ऑटोमैटिकली बंद हो जाता है और एक्सीलेटर दबाने पर तुरंत स्टार्ट हो जाता है। इससे ईंधन की बचत होती है। 2. रीजनरेटिव ब्रेकिंग – जब गाड़ी ब्रेक लगाती है या धीमी होती है, तो सिस्टम उस ऊर्जा को बैटरी में स्टोर कर लेता है, जिससे इंजन पर लोड कम होता है। 3. टॉर्क असिस्ट – एक्सीलेरेशन के दौरान बैटरी से अतिरिक्त टॉर्क मिलता है, जिससे इंजन की परफॉर्मेंस बेहतर होती है और फ्यूल एफिशिएंसी बढ़ती है। स्मार्ट हाइब्रिड के फायदे बेहतर माइलेज – पारंपरिक पेट्रोल इंजन की तुलना में अधिक फ्यूल एफिशिएंसी। कम कार्बन उत्सर्जन – प्रदूषण कम करने में मदद करता है। स्मूथ ड्राइविंग एक्सपीरियंस – स्टार्ट-स्टॉप टेक्नोलॉजी के कारण कम वाइब्रेशन और बेहतर परफॉर्मे...
What is Eastern Dedicated Freight Corridor ( EDFC ) ?
साल 1947 जब देश आजाद हुआ था तो उस समय भारत में माल ढुलाई का 70% कार्य रेलवे के द्वारा किया जाता था। लेकिन समय बीतने के साथ और नई-नई विकल्प मौजूद होने के कारण इसमें लगातार गिरावट आती गई।
साल 1947 जब देश आजाद हुआ था तो उस समय भारत में माल ढुलाई का 70% कार्य रेलवे के द्वारा किया जाता था। लेकिन समय बीतने के साथ और नई-नई विकल्प मौजूद होने के कारण इसमें लगातार गिरावट आती गई।
इसका प्रमुख कारण मालगाड़ी से धूलाई महंगा होना, कोई अलग से कारीडोर ना होना , एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाने ज्यादा
समय लगना आदि हो सकता है।
आज 25 से 30 % ही माल धूलाई रेलवे के द्वारा होता है। बाकी का 70 % सड़क मार्ग द्वारा होता है।
इसी को ध्यान में रखते हुए सरकार ने एक मैप तैयार किया है जिसके द्वारा 2030 तक 4 कारीडोर बनाए जाएंगे और 50% धुलाई रेलवे के द्वारा रेलवे के द्वारा होने की संभावना है।
What is DFC ?
DFC is a high speed and high capacity railway corridor which is transpotation of goods and commodities.
DFC - Dedicated Freight Corridor
DFC is made by state of art technology .
29 December 2020 को प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी और रेल मंत्री श्री पीयूष गोयल ने एशिया के सबसे बड़े डीएफसी कारीडोर का वर्चुअल शिलान्यास किया।
इसमें अलग से मालगाड़ी के लिए कॉरिडोर बनना है। जिससे पैसेंजर ट्रेन समय से चल सकेगा ।
12000 HP इंजन वाली डेढ़ किलो मीटर लंबी मालगाड़ी चल सकेगी।
Benefit :
1. Reduction in logistics cost.
2. Energy efficiency.
3. Faster movement of goods.
4. Environmental Friendly.
5. More emplyment generation.
6. Boost for real estate sector.
इसे कौन बना रहा है ?
चारो कारीडोर को बनाने के इंडियन रेलवे ने 2006 में एक कंपनी बनाई जिसका नाम है Dedicated Freight Corridor corporation of India Ltd. (DFCCIL) .
जिसका हेडक्वार्टर new delhi मैं है।
पहले फेज में Eastern and western dedicated freight corridor को बनाया जाएगा। और बाकी तीन और DFC को बनाया जाएगा।
EASTERN DFC start from Sahnewal near Ludhiana Panjab passes through Panjab , Haryana , Uttar Pradesh , Bihar , Jharkhand and Dankuri in W Bangal .
Total length of EDFC id arround 1856 km.
Western DFC is start from Dadri ,UP to Jawaharlal Nehru Port (JNPT) Maharashtra .
Which is passes through UP, Haryana , Rajasthan,Gujrat and Maharashtra.
Total length of this corridor is arround 1504 km.
Khurja to Bhaupur Section .
The cost for this section to making is 5700 cr which is funded by World Bank .
New Station :
Bhaupur , Kunchausi , Achalda ,Ekdil , Bhadan, Makhanpur , Tundla , Hathras , Daudkan , Khurja .
68 Level crossing has been eliminated for speed and safety .
19 major bridges , 414 minor bridges , 7 rail flyovers are made this section.
Control Section :
OCC - Operation Control Center
OCC will act as command center of entire eastern corridor .
Which is World biggest control room.
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