स्मार्ट हाइब्रिड टेक्नोलॉजी मारुति सुजुकी की एक माइल्ड-हाइब्रिड सिस्टम है, जिसे ईंधन की बचत और परफॉर्मेंस सुधारने के लिए डिजाइन किया गया है। यह टेक्नोलॉजी पारंपरिक इंजन के साथ एक इंटीग्रेटेड स्टार्टर जनरेटर (ISG) और लिथियम-आयन बैटरी का इस्तेमाल करती है। कैसे काम करती है स्मार्ट हाइब्रिड टेक्नोलॉजी? 1. इंजन स्टार्ट-स्टॉप फ़ीचर – जब गाड़ी ट्रैफिक में रुकती है, तो इंजन ऑटोमैटिकली बंद हो जाता है और एक्सीलेटर दबाने पर तुरंत स्टार्ट हो जाता है। इससे ईंधन की बचत होती है। 2. रीजनरेटिव ब्रेकिंग – जब गाड़ी ब्रेक लगाती है या धीमी होती है, तो सिस्टम उस ऊर्जा को बैटरी में स्टोर कर लेता है, जिससे इंजन पर लोड कम होता है। 3. टॉर्क असिस्ट – एक्सीलेरेशन के दौरान बैटरी से अतिरिक्त टॉर्क मिलता है, जिससे इंजन की परफॉर्मेंस बेहतर होती है और फ्यूल एफिशिएंसी बढ़ती है। स्मार्ट हाइब्रिड के फायदे बेहतर माइलेज – पारंपरिक पेट्रोल इंजन की तुलना में अधिक फ्यूल एफिशिएंसी। कम कार्बन उत्सर्जन – प्रदूषण कम करने में मदद करता है। स्मूथ ड्राइविंग एक्सपीरियंस – स्टार्ट-स्टॉप टेक्नोलॉजी के कारण कम वाइब्रेशन और बेहतर परफॉर्मे...
प्रदूषण (Pollution ) :
पृथ्वी मानव सहित लाखों जीव जंतुओं का घर है जो एक दूसरे की जीविय घटक है जो निर्जीव वातावरण जल, थल एवं वायु में पाए जाते हैं ।
जीव जंतुओं और वनस्पति(पेड़ पौधों) के बीच एक अभिन्न संबंध है और यदि इनमें से किसी एक पर भी छेड़छाड़ किया जाता है तो पूरा इको तंत्र परिवर्तित होता है ।
पौधे वातावरण से कार्बन डाइऑक्साइड, प्रकाश तथा जल लेकर जीवित रहते हैं और बदले में हमें हरे पौधे, ऑक्सीजन देते हैं।
वनस्पति और जीव जंतु तथा निर्जीव पदार्थों के बीच संतुलन बनाए रखना हम सभी का कर्तव्य तथा आवश्यकता है क्योंकि संतुलन बिगड़ जाने से भौतिक रासायनिक जैविक लक्षणों में परिवर्तन देखने को मिलता है।
इससे मनुष्य को बहुत सारी दिक्कतें बीमारी का सामना करना पड़ सकता है।
" वायु ,जल तथा मिट्टी के भौतिक, रासायनिक एवं जैविक का ऐसा परिवर्तन जो मनुष्य तथा जीव जंतुओं के जीवन को हानि पहुंचाता है। प्रदूषण कहलाता है। "
प्रदूषकों के प्रकार ( Kinds of Pollutants ) :
प्रदूषक दो प्रकार के होते हैं।
1.जीवधारी द्वारा क्षयकारी या अपघटनीय प्रदूषण( Decomposable Pollutant )
2. सूक्ष्म जीवधारियों द्वारा अक्षयकारी या अनपघटनीय प्रदूषण (Non-decomposable pollutant)
1. Decomposable Pollutant :
जानवरों के अवशेष, नालियों से निकला मल, कूड़ा करकट जिसे कवक एवं जीवाणु द्वारा आसानी से अपघटित हो जाता है। प्रकृति में इनकी मात्रा ज्यादा होने के कारण अपघटित नहीं हो पाते हैं जिससे प्रदूषण फैलता है।
2. Non-decomposable Pollutant :
एलुमिनियम, लोहा कांच, डीडीटी तथा फिनोल आदि पदार्थ भी प्रकृति में अपघटित नहीं हो पाते हैं जिससे प्रदूषण फैलता है।
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प्रदूषण के क्षेत्र ( Area of Pollution) :
पृथ्वी को तीन भागों में बांटा गया है ।
1.स्थलमंडल
2. जलमंडल
3. वायुमंडल
इन सभी में जीवो की उपस्थिति है जिससे इन में कोई भी परिवर्तन होने पर बाकी जीवन में परिवर्तन होना स्वभाविक है।
इसमें परिवर्तन के निम्न कारण हो सकते हैं।
1. वायु प्रदूषण ( Air Pollution )
2. जल प्रदूषण (Water Pollution )
3. मृदा प्रदूषण ( Soil Pollution )
4.ध्वनि प्रदूषण ( Sound Pollution )
5.रेडियोधर्मी प्रदूषण ( Radioactive Pollution )
Comming soon.
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