स्मार्ट हाइब्रिड टेक्नोलॉजी मारुति सुजुकी की एक माइल्ड-हाइब्रिड सिस्टम है, जिसे ईंधन की बचत और परफॉर्मेंस सुधारने के लिए डिजाइन किया गया है। यह टेक्नोलॉजी पारंपरिक इंजन के साथ एक इंटीग्रेटेड स्टार्टर जनरेटर (ISG) और लिथियम-आयन बैटरी का इस्तेमाल करती है। कैसे काम करती है स्मार्ट हाइब्रिड टेक्नोलॉजी? 1. इंजन स्टार्ट-स्टॉप फ़ीचर – जब गाड़ी ट्रैफिक में रुकती है, तो इंजन ऑटोमैटिकली बंद हो जाता है और एक्सीलेटर दबाने पर तुरंत स्टार्ट हो जाता है। इससे ईंधन की बचत होती है। 2. रीजनरेटिव ब्रेकिंग – जब गाड़ी ब्रेक लगाती है या धीमी होती है, तो सिस्टम उस ऊर्जा को बैटरी में स्टोर कर लेता है, जिससे इंजन पर लोड कम होता है। 3. टॉर्क असिस्ट – एक्सीलेरेशन के दौरान बैटरी से अतिरिक्त टॉर्क मिलता है, जिससे इंजन की परफॉर्मेंस बेहतर होती है और फ्यूल एफिशिएंसी बढ़ती है। स्मार्ट हाइब्रिड के फायदे बेहतर माइलेज – पारंपरिक पेट्रोल इंजन की तुलना में अधिक फ्यूल एफिशिएंसी। कम कार्बन उत्सर्जन – प्रदूषण कम करने में मदद करता है। स्मूथ ड्राइविंग एक्सपीरियंस – स्टार्ट-स्टॉप टेक्नोलॉजी के कारण कम वाइब्रेशन और बेहतर परफॉर्मे...
Central Government : Parliament
केंद्र सरकार : विधायिका (संसद)
संसद विश्व को अंग्रेजों की देन है। इसलिए ब्रिटिश संसद को ससदों की जननी कहा जाता है।
भारत की संसद दो शब्दों से मिलकर बनती है जिसमें एक को राज्यसभा और दूसरे को लोकसभा कहते है।
भारत के संविधान के अनुच्छेद 79 के अनुसार भारतीय संसद राष्ट्रपति, लोकसभा तथा राज्यसभा इन तीनों को सम्मिलित स्वरूप है।
राष्ट्रपति - कार्यपालिका का वैधानिक प्रधान
लोकसभा - प्रथम सदन या निम्न सदन
राज्यसभा - द्वितीय सदन या उच्च सदन
लोकसभा :
लोकसभा को भारत का प्रथम सदन या निम्न सदन कहते हैं। यह सदन जनता का प्रत्यक्ष रूप से जनता का प्रतिनिधित्व करता है। यही इसे शक्तिशाली बनाता है।
रचना ( Composition ) :
- शुरुआत में लोकसभा में सदस्यों की संख्या 500 निर्धारित की गई थी।
- संविधान के 14 वें संशोधन के अंतर्गत सदस्यों की संख्या 525 निर्धारित की गई।
- संविधान के 31 वें संशोधन के अंतर्गत सदस्यों की संख्या 545 निर्धारित की गई।
- 1987 में गोवा, दमन और दीव पुनर्गठन अधिनियम के अनुसार सदस्यों की संख्या 552 कर दी गई। जो 2026 तक चलती रहेगी।
चुनाव की विधि ( Method of Election ) :
- भारत के नागरिक जिनकी आयु 18 वर्ष से ऊपर है वह चुनाव में वोट डाल सकते हैं।
- 5,00,000 की जनसंख्या से एक सदस्य चुना जाता है।
- कुछ सीटें अनुसूचित जातियों तथा कबीलों के लिए आरक्षित है।
अवधि ( Period ) :
- लोकसभा के सदस्यों का कार्यकाल 5 वर्ष होता है।
- यदि राष्ट्रपति चाहे तो 5 वर्ष से पहले लोकसभा को भंग कर चुनाव करवा सकता है।
उपचुनाव :
जब किसी चुनाव क्षेत्र का प्रतिनिधि त्यागपत्र दे दे या उसकी मृत्यु हो जाए तो वहां बाकी बचे महीनों के लिए उपचुनाव कराया जाता है।
योग्यता :
- वह व्यक्ति जो भारत का निवासी हो, 25 वर्ष की आयु पूरी कर चुका हो, और किसी भी लाभ के पद पर आसीन न हो ।
- किसी भी न्यायालय द्वारा गंभीर अपराध की सजा ना मिली हो तथा छुआछूत के अंतर्गत दंड ना मिला हो।
अधिवेशन ( Session ) :
- लोकसभा का अधिवेशन राष्ट्रपति के कार्य को बुलाया जाता है।
- राष्ट्रपति 1 साल में दो अधिवेशन बुलाता है।
- दोनों अधिवेशन के बीच ज्यादा से ज्यादा छह महीनों के अंतराल हो सकता है।
अध्यक्ष :
- अध्यक्ष तथा उपाध्यक्ष का चुनाव लोकसभा के सदस्यो द्वारा तय की जाती है।
- अध्यक्ष का कार्य लोक सभा की बैठकों की अध्यक्षता करना है और जब अध्यक्ष अनुपस्थित होता है तो उपाध्यक्ष लोक सभा की बैठकों की अध्यक्षता करता है।
- प्रस्ताव पारित करके अध्यक्ष या उपाध्यक्ष को हटाया जा सकता है।
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